Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -20-Apr-2022 बाल श्रमिक

रचयिता-प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक-बाल श्रमिक

मासूम थे वह बच्चे जिनसे बचपन छीन गया
जब थे वह बागी, फूल बनकर खिलना था
पर मजदूर बनकर करने लगे कठिन श्रम

जिस बचपन  में खेलना कूदना था
वो मासूम दलदल में कूद पड़े

हमारे बच्चे खेलते हैं फुटबॉल से
वो मासूम बच्चे सोते हैं फुटपाथ पे

हमारे बच्चे बनाते हैं किले की महल
वह मासूम बच्चे उठाते हैं पत्थर

होता है उन बच्चों का हर रोज शोषण
कैसे होगा उनका जीवन कौशल

हर रोज होते हैं  प्रताड़ित
कोई नहीं होती उनकी आखरी तारीख
कैसे सहते हैं मासूम संवेदना

बाल मजदूरी है एक कलंक
समाज को हटाकर इसे करना होगा अलग

समाज को लेना होगा निर्णय
बाल मजदूरी का करना होगा दमन
बच्चों को लौटा दो उनका बचपन

उनके हाथों मे नहीं दो तुम
इमारत बनाने की ईंटे 
थमानी है तो उनको
ईट थमाये राष्ट्र निर्माण की

मासूमों को नहीं बनाए बाल मजदूर
आज मेरी लेखनी करती है जागरूक
मासूमों को अपना भविष्य बनाने दो
उनके नन्हे हाथ बने आज राष्ट्र निर्माता।
"बाल श्रमिक को हटाना होगा
गरीबी को मिटाना होगा
मासूम बच्चों को पढ़ाना होगा
बाल मजदूरी को जड़ से हटाना होगा"।
"जिंदगी को उज्जवल बनाना होगा
उनके भविष्य को सुधारना होगा
उनकी कलाकृति को निखारना  होगा
उन्हें नहीं राह का मुकाम देना होगा"।



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13 Comments

Reyaan

22-Apr-2022 03:54 AM

Very nice

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Shrishti pandey

21-Apr-2022 11:29 PM

Nice

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Punam verma

21-Apr-2022 09:38 AM

Nice

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